पंजाब का सीमांत गांव कोटली खेहरा इस समय भीषण तबाही से गुजर रहा है। अमृतसर ज़िले के इस गांव में रावी नदी के उफान और धुस्सी बांध टूटने से चारों तरफ जलभराव हो गया। सरकारी स्कूल और डिस्पेंसरी वीरान टापू की तरह नजर आ रहे हैं। वहीं खेल का मैदान अब गंदे तालाब में बदल चुका है।
🌊 रावी के पानी ने सब कुछ छीना
गांव के बुजुर्ग हरमिंदर सिंह बताते हैं कि जब रावी का पानी गांव में घुसा तो देखते ही देखते खेत, घर, जानवर और जीवन का सहारा सबकुछ डूब गया। लोग बच्चों को लेकर जान बचाने के लिए ऊंची जगहों पर भागे। चार फीट तक फैले पानी ने पूरे गांव की तस्वीर बदल दी।
🦟 गाद और गंदगी ने बनाई नरक जैसी स्थिति
आज पानी का स्तर भले ढाई-तीन फीट तक घट गया हो, लेकिन अब यह गाद और गंदगी गांववासियों के लिए नई मुसीबत बन गई है। सड़े हुए अनाज और ठहरे हुए पानी की दुर्गंध से माहौल भारी हो चुका है। दिन में मक्खियों और रात में मच्छरों का आतंक है।
⚠️ महामारी का मंडराता खतरा
गांववासी बलबीर सिंह कहते हैं कि अब सबसे बड़ा डर संक्रामक बीमारियों का है। ठहरे पानी के कारण महामारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन और ग्रामीण मिलकर टूटे हुए बांध को ठीक करने में लगे हैं, लेकिन हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं।