छत्तीसगढ़ के पखांजुर से एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है — जहां बंदूक की आवाज़ अब मंगल गीतों में बदल गई। कभी नक्सल संगठन का हिस्सा रहे सागर हिरदो और सचिला मांडवी ने समाज की मुख्यधारा में लौटते हुए सात फेरे लिए और जीवन की नई शुरुआत की।
पखांजुर थाना परिसर रविवार को एक अनोखे विवाह मंडप में तब्दील हो गया, जहां इस पूर्व नक्सली जोड़े ने सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ विवाह किया। दोनों ने वर्ष 2024 में आत्मसमर्पण कर नक्सली जीवन को अलविदा कहा था और इसके बाद पुलिस बल का हिस्सा बने। इसी दौरान दोनों के बीच पहचान और फिर विश्वास का रिश्ता बना, जो विवाह में बदल गया।
विवाह समारोह में पुलिस अधिकारी, ग्रामीण और स्थानीय लोगों ने शामिल होकर इस कदम का स्वागत किया। पखांजुर थाना प्रभारी लक्ष्मण केवट और गोंडाहुर थाना प्रभारी रामचंद्र साहू ने इस विवाह को संभव बनाने में अहम भूमिका निभाई।
यह सिर्फ एक शादी नहीं, बल्कि शांति, प्रेम और सामाजिक एकता की मिसाल है। इस जोड़े की कहानी यह संदेश देती है कि बदलाव हमेशा संभव है — बस एक मौका और समाज का साथ चाहिए।