माता मावली मेले का भव्य शुभारंभ, आस्था और परंपरा का अनूठा संगम

माता मावली मेले में पारंपरिक शोभायात्रा का दृश्य और भक्तों की भीड़

नारायणपुर जिले के ओरछा क्षेत्र में माता मावली मेले का भव्य शुभारंभ हुआ। जानिए इस ऐतिहासिक मेले के खास आयोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम।

छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, आस्था और परंपराओं का प्रतीक माता मावली मेले आज श्रद्धा और उल्लास के साथ शुरू हुआ। नारायणपुर जिले के ओरछा क्षेत्र में आयोजित यह पांच दिवसीय ऐतिहासिक मेला पारंपरिक पूजा-अर्चना और परघाव (देवताओं के स्वागत की परंपरा) के साथ प्रारंभ हुआ।

भव्य शोभायात्रा और पारंपरिक अनुष्ठान
आसपास के गांवों से श्रद्धालु डंगई, लाठ, डोली और छत्र के साथ माता मावली मंदिर पहुंचे। मेला स्थल पर पहुंचकर ढाई परिक्रमा की रस्म पूरी की गई, जिसमें भक्तों ने देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की। इस दौरान माता मावली, कोट गुड़ीन, शीतला माता, कोकोड़ी करीन, तेलवाड़ीन माता, कंकालीन माता, सोनकुंवर और भीमादेव सहित कई स्थानीय देवी-देवताओं का पारंपरिक स्वागत हुआ।

आस्था और भक्ति का माहौल
श्रद्धालुओं ने सिरहा, पुजारियों और गायता (पारंपरिक पुजारी वर्ग) के साथ मिलकर अनुष्ठानिक पूजाएं कीं। पूरे मेले में भक्तिमय वातावरण बना हुआ है, जहां लोकगीतों और पारंपरिक नृत्य की धुनें गूंज रही हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम
19 से 23 फरवरी तक हर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

  • 20 फरवरी: बस्तर संस्कृति ग्रुप लोक रंग (सिद्धार्थ महाजन)
  • 21 फरवरी: अनुराग शर्मा स्टार नाइट एंड ग्रुप
  • 22 फरवरी: रास परब एंड ग्रुप, जगदलपुर
  • 23 फरवरी: मल्लखंब डांस एकेडमी और नितिन दुबे सुपर स्टार नाइट

व्यापार और मनोरंजन के आकर्षण
मेला स्थल पर मीना बाजार, झूले, फैंसी बाजार, मिठाई की दुकानें और दैनिक उपयोग की वस्तुओं के स्टॉल लगाए गए हैं, जो ग्रामीणों और पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।

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