जन्म कथा माता पार्वती ने अपने शरीर के मैल से एक सुंदर बालक गढ़ा, उसमें प्राण फूंके और उसका नाम गणेश रखा। स्नान के समय द्वार की रक्षा का आदेश दिया।
भगवान शिव जब लौटे तो गणेश ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। क्रोधित शिव ने उनका सिर काट दिया। बाद में माता पार्वती के आग्रह पर शिव जी ने हाथी का सिर लाकर गणेश को जीवनदान दिया।
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प्रथम पूज्य क्यों?एक बार देवताओं में प्रथम पूजा का विवाद हुआ। गणेश जी ने अपने माता-पिता की तीन बार परिक्रमा की और बताया कि माता-पिता ही सृष्टि हैं। इसी से प्रसन्न होकर वे प्रथम पूज्य कहलाए।