सूर्य मिसाइल: भारत की पहली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का ख़ुलासा

भारत की पहली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल सूर्य ICBM की रेंज 12,000-16,000 किमी होगी। यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होगी

भारत रक्षा क्षेत्र में लगातार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, और अब देश अपनी पहली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM)सूर्य मिसाइल पर काम कर रहा है। यह मिसाइल भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

सूर्य मिसाइल: विशेषताएं और क्षमता

1. मिसाइल की मारक क्षमता और रेंज

  • सूर्य ICBM की रेंज 12,000 से 16,000 किलोमीटर तक हो सकती है।
  • यह मिसाइल अमेरिका, यूरोप, चीन और रूस तक किसी भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम होगी।
  • यह परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम होगी, जिससे भारत की प्रतिरोधक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।

2. सूर्य मिसाइल की गति और तकनीक

  • यह हाइपरसोनिक स्पीड (Mach 5+) से यात्रा करेगी, जिससे इसे रोकना लगभग असंभव होगा।
  • इसमें सॉलिड-फ्यूल टेक्नोलॉजी और अत्याधुनिक गाइडेंस सिस्टम होगा, जिससे इसकी सटीकता बढ़ेगी।

3. लॉन्चिंग प्लेटफॉर्म और तैयारियां

  • सूर्य मिसाइल को साइलो लॉन्चिंग सिस्टम, सबमरीन, और मोबाइल लॉन्चर से छोड़ा जा सकता है।
  • यह भारत के तीनों रक्षा बलों (थल, जल और वायु सेना) के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक हथियार बनेगी।

क्यों महत्वपूर्ण है सूर्य ICBM?

  • चीन के DF-41 ICBM और अमेरिका के Minuteman III की तर्ज पर यह भारत को एक सुपरपावर सैन्य राष्ट्र बना सकती है।
  • सूर्य मिसाइल से भारत की परमाणु प्रतिरोध क्षमता (Nuclear Deterrence) मजबूत होगी।
  • यह “No First Use” नीति के तहत भारत की रक्षा रणनीति को और अधिक विश्वसनीय बनाएगी।

क्या सूर्य मिसाइल भारत की अगली बड़ी रक्षा उपलब्धि होगी?

विशेषज्ञों के अनुसार, DRDO और ISRO मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। अगर यह सफल रहा, तो भारत रूस, अमेरिका और चीन जैसे देशों की बराबरी में खड़ा होगा। आने वाले वर्षों में यह मिसाइल भारतीय सेना के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है।

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