एससीओ शिखर सम्मेलन में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों ने तियानजिन घोषणा में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। संयुक्त घोषणापत्र में दोषियों को सजा देने और आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताई गई।

एससीओ के वार्षिक शिखर सम्मेलन का यह घोषणापत्र चीन के तटीय शहर तियानजिन में दो दिन तक चले सम्मेलन के अंत में जारी किया गया। इसमें भारत के प्रधानमंत्री डॉ. नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य वैश्विक नेता शामिल हुए।

घोषणापत्र में यह भी कहा गया कि आतंकवाद के खिलाफ किसी तरह का दोहरा मापदंड स्वीकार नहीं किया जाएगा। सदस्य देशों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और मृतकों तथा घायलों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई। साथ ही अपराधियों, योजनाकारों और समर्थकों को सजा दिलाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

एससीओ ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में खुझदार और जाफर एक्सप्रेस पर हुए आतंकवादी हमलों की भी निंदा की। सदस्य देशों ने क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद से निपटने को एक बड़ी चुनौती बताते हुए इस दिशा में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।

संयुक्त घोषणापत्र में यह भी उल्लेख है कि आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ को निजी स्वार्थों के लिए इस्तेमाल करना पूरी तरह अस्वीकार्य है। सदस्य देशों ने कहा कि आतंकवाद और चरमपंथ के खतरों से निपटने में संप्रभु देशों और उनकी सक्षम एजेंसियों की भूमिका अहम है।

एससीओ का यह निर्णय वैश्विक समुदाय के लिए एक संदेश है कि आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग और एकजुटता समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

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