छत्तीसगढ़ के किसानों को मिला पीएम किसान का लाभ, सीएम ने जताया आभार

लाभ

छत्तीसगढ़ के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किश्त के तहत 553.34 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सावन के पावन महीने में वाराणसी से वर्चुअली इस किस्त को देशभर के किसानों को ट्रांसफर किया।

इस योजना के तहत देशभर के 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को कुल 20,500 करोड़ रुपये की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से दी गई।

कार्यक्रम से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय रायपुर स्थित उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय से जुड़े। उन्होंने इसे किसानों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का बड़ा कदम बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना हमारे अन्नदाताओं के सम्मान और परिश्रम का प्रमाण है। छत्तीसगढ़ के लगभग 25 लाख किसानों को इसका सीधा लाभ मिला है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री की “मोदी की गारंटी” के अनुरूप कार्य कर रही है और किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान समर्थन मूल्य दे रही है।

किसानों को समय पर सहायता

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरकार गठन के शुरुआती 10 दिनों में ही 3716 करोड़ रुपये की बकाया बोनस राशि दी गई। इससे किसानों में विश्वास बढ़ा है।

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि आज किसानों को शून्य ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध है, जिससे कृषि कार्य और आसान हो गए हैं।

प्रदेश में सिंचाई रकबा बढ़ाने की दिशा में बस्तर, महानदी और इंद्रावती को जोड़ने की योजनाओं पर तेज़ी से काम हो रहा है।

पौष्टिक अनाज और मत्स्य पालन को बढ़ावा

सीएम साय ने कहा कि सरकार केवल परंपरागत खेती ही नहीं, बल्कि मत्स्यपालन, दुग्ध उत्पादन और पशुपालन जैसे सहायक कृषि कार्यों को भी बढ़ावा दे रही है।

छह जिलों में ‘दुधारू पशु वितरण योजना’ की शुरुआत की गई है, जिससे दूध उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को बेहतर आय प्राप्त होगी।

मिलेट्स यानी श्री अन्न, कोदो, कुटकी और रागी जैसी पारंपरिक फसलों को बढ़ावा देने की दिशा में भी ठोस पहल की जा रही है।

महिला सशक्तिकरण और बीमा सुरक्षा

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर बताया कि 1.5 करोड़ महिलाएं “लखपति दीदी” बन चुकी हैं। इसके अलावा पीएम फसल बीमा योजना से प्राकृतिक आपदाओं के समय किसानों को राहत दी जाती है।

प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना के तहत 24,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जिससे पिछड़े जिलों में कृषि विकास को बढ़ावा मिलेगा।

अधिकारियों और वैज्ञानिकों की भूमिका

कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने भी भाग लिया। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत एक लाख से अधिक किसानों से सीधा संवाद कर उन्हें तकनीकी जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में लाभार्थियों को कृषि उपकरण व योजनाओं की अनुदान राशि के चेक वितरित किए गए। इसमें केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, विधायक, विश्वविद्यालयों के कुलपति, और बड़ी संख्या में किसान शामिल रहे।

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