टीएमसी समर्थन: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बदला रुख
पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए विदेश दौरे पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से अब अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। पहले टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने इस मिशन से दूरी बनाई थी, लेकिन अब उन्होंने अभिषेक को भेजने की मंजूरी दे दी है।
केंद्र सरकार की पहल: बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में बदलाव
केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर जवाब देने के लिए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल गठित किया है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने ममता बनर्जी से व्यक्तिगत रूप से संवाद कर टीएमसी से प्रतिनिधि भेजने की अपील की थी।
टीएमसी की शर्तें: प्रतिनिधि चयन को लेकर आपत्ति
ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि प्रतिनिधिमंडल के लिए उम्मीदवार तय करने का अधिकार केंद्र को नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र औपचारिक अनुरोध भेजता है, तो टीएमसी विचार जरूर करेगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर एकमत: सीमा पार आतंकवाद को लेकर समर्थन
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि देश की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति को दुनिया के सामने लाना ज़रूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि पीड़ितों के परिजन और ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व करने वाले सैन्य अधिकारी भी इस दौरे में शामिल किए जाएं।
विपक्ष की भागीदारी: सर्वदलीय समर्थन पर ज़ोर
अभिषेक बनर्जी ने यह भी कहा कि प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए जाने से पहले सभी विपक्षी दलों से सलाह-मशविरा किया जाना चाहिए। उन्होंने दोहराया कि टीएमसी राष्ट्रीय हित और संप्रभुता के मामलों में सरकार के साथ खड़ी है।
अन्य सदस्य: राजनीतिक संतुलन के प्रयास
इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस से शशि थरूर, जेडीयू से संजय झा, बीजेपी से रविशंकर प्रसाद, डीएमके से कनिमोझी और एनसीपी-एसपी से सुप्रिया सुले को शामिल किया गया है। अब टीएमसी से अभिषेक बनर्जी की भागीदारी से मिशन को और मजबूती मिलेगी।
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