देशभर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) में से केवल NIT रायपुर का चयन एक खास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोजेक्ट के लिए हुआ है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य बीमारी के शुरुआती संकेतों को पहचानकर समय पर बचाव के उपाय सुझाना है।
NIT रायपुर को यह प्रोजेक्ट भारत सरकार की एक प्रमुख पहल के तहत मिला है, जिसमें देशभर से केवल 8 प्रोजेक्ट चुने गए हैं। खास बात यह है कि चुने गए प्रोजेक्ट्स में एनआईटी संस्थानों में से रायपुर का एनआईटी इकलौता है, जिसे यह प्रतिष्ठित अवसर प्राप्त हुआ है।
यह एआई आधारित शोध बीमारियों की भविष्यवाणी और रोकथाम के लिए एक स्मार्ट प्रणाली तैयार करेगा। इसमें मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म और स्वास्थ्य से जुड़े डेटा का विश्लेषण कर यह सिस्टम बताएगा कि किसी व्यक्ति को आगे कौन-सी बीमारी हो सकती है और उससे कैसे बचा जा सकता है।
प्रोजेक्ट का उद्देश्य और महत्व
इस पहल का उद्देश्य भारत में AI प्रौद्योगिकी के विकास, परिनियोजन और वास्तविक उपयोग को बढ़ावा देना है। यह प्रोजेक्ट स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रिवेंटिव हेल्थकेयर को मजबूती देगा और लोगों को समय रहते आवश्यक उपाय करने में सक्षम बनाएगा।
AI और हेल्थ का संगम
NIT रायपुर का यह अनुसंधान स्वास्थ्य तकनीकों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। बीमारी के लक्षणों को समय रहते पहचानना और व्यक्तिगत स्वास्थ्य सलाह देना इस सिस्टम का मुख्य आधार होगा।
NIT रायपुर के विशेषज्ञों की टीम इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिसमें कंप्यूटर साइंस, बायोटेक्नोलॉजी और मेडिकल डेटा एनालिटिक्स से जुड़े विद्वान शामिल हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
NIT रायपुर को मिला यह प्रोजेक्ट न केवल तकनीकी रूप से उसकी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में उच्च गुणवत्ता का अनुसंधान कार्य हो रहा है।
यह प्रोजेक्ट भारत के एआई विजन 2030 के तहत भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को आमजन के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी बनाया जा सकेगा।
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