सावन के पावन महीने में मोदी सरकार की कृषि योजना ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों के हित में तीन बड़े फैसले लिए गए।
सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) को मंजूरी दी है, जिसमें हर वर्ष ₹24,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
साथ ही, ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए ₹27,000 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।
मोदी सरकार की कृषि योजना का मुख्य उद्देश्य फसल कटाई के बाद स्टोरेज क्षमता को बढ़ाना, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना और कृषि उत्पादकता को बढ़ाना है।
इस योजना से लगभग 1.7 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि यह कार्यक्रम 6 वर्षों तक चलेगा और 100 जिलों को कृषि जिले के रूप में विकसित किया जाएगा।
प्रत्येक जिले में 36 केंद्रीय योजनाओं को समन्वयित रूप से लागू किया जाएगा ताकि हर स्तर पर समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
मोदी सरकार की कृषि योजना के तहत जिन 100 जिलों का चयन किया गया है, वे कृषि के क्षेत्र में पिछड़े हुए माने गए हैं।
इन जिलों में सिंचाई, फसल विविधीकरण, भंडारण और क्रेडिट की सुविधा को प्राथमिकता दी जाएगी।
इस कार्यक्रम के तहत 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को एक साथ मिलाकर क्रियान्वित किया जाएगा।
हर राज्य से कम से कम एक जिला इस योजना में शामिल किया गया है।
इस ऐतिहासिक निर्णय से भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों की आय में वृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मोदी सरकार की कृषि योजना से न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि किसानों का जीवन भी बेहतर बनेगा।