बारिश की बूंदों से धरती हरी होती है, लेकिन सही मार्गदर्शन और मेहनत से खेतों में हरियाली आती है। जशपुर किसान सेवाराम की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जिन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी खेती को उन्नत बनाया और अपने परिवार के सपनों को साकार किया।
जशपुर किसान के संघर्ष से सफलता तक का सफर
सेवाराम के पास 2.8 हेक्टेयर कृषि भूमि थी, जहां वे परंपरागत खेती कर रहे थे। वे मुख्य रूप से देशी धान और अन्य फसलें उगाते थे, लेकिन उत्पादन कम होने के कारण मेहनत के अनुरूप लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसलिए, हर साल लागत अधिक और मुनाफा कम होने से उनका मनोबल गिरता जा रहा था।
सरकारी योजनाओं से बदली जशपुर किसान की किस्मत
सेवाराम की तकदीर तब बदली, जब उन्होंने कृषि विभाग से संपर्क किया। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ने उन्हें सही मार्गदर्शन दिया और किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने में मदद की। इसके माध्यम से उन्हें रासायनिक खाद और बैंक लोन की सुविधा मिली, जिससे उनकी खेती में बड़ा सुधार हुआ।
इसके अलावा, कृषि विभाग की सहायता से उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले बीज प्राप्त हुए, जिनमें धान (एम.टी.यू. 1256), उड़द (प्रक्ष उड़द-1), अरहर (सी.जी. अरहर) और रागी शामिल हैं। उन्होंने नई तकनीकों और वैज्ञानिक खेती के तरीकों को अपनाया, इसलिए उनकी फसलों की पैदावार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
जशपुर किसान के लिए सफलता की नई राह
इस साल सेवाराम की मेहनत रंग लाई, और इसलिए फसल उत्पादन पिछले साल की तुलना में अधिक हुआ। उन्होंने कहा, “पहले लागत ज्यादा थी, लेकिन आमदनी कम होती थी। अब क्योंकि सरकारी योजनाओं का सहारा मिला है, इसलिए खेती करना आसान और लाभकारी हो गया है। इस बार अच्छी फसल से हुई आमदनी से मैंने आखिरकार अपने घर के निर्माण का सपना पूरा किया है।