ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध ने पूरे पश्चिम एशिया को झकझोर कर रख दिया है। इस संघर्ष में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और दोनों देशों को भारी सैन्य व आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।
आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, ईरान-इजराइल युद्ध नुकसान के आंकड़े बेहद गंभीर हैं। इजराइल की ओर से अब तक करीब 370 सैनिक व नागरिकों की मौत की पुष्टि की गई है, जबकि 900 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। वहीं, ईरान की ओर से 420 से ज्यादा मौतें और 1,300 से अधिक घायल होने की बात सामने आई है।
इजराइल के कई शहरों में मिसाइल हमलों के चलते बिजली संयंत्र, रिहायशी इमारतें और हवाई अड्डों को भारी नुकसान पहुंचा है। खासकर तेल अवीव और हैफा जैसे क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को गंभीर क्षति हुई है।
वहीं ईरान में इस्फहान, बंदर अब्बास और तेहरान के सैन्य अड्डों को निशाना बनाया गया है। अमेरिका और इजराइल द्वारा किए गए जवाबी हमलों में ईरान की रॉकेट निर्माण इकाइयों और मिसाइल भंडारण केंद्रों को भारी क्षति हुई है।
ईरान-इजराइल युद्ध नुकसान का सबसे बड़ा असर आम नागरिकों पर पड़ा है। हजारों लोग बेघर हुए हैं, स्कूल और अस्पतालों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
आर्थिक मोर्चे पर, इजराइल को अब तक लगभग 5 अरब डॉलर से अधिक का अनुमानित नुकसान हुआ है। जबकि ईरान की अर्थव्यवस्था, जो पहले से ही प्रतिबंधों से जूझ रही थी, अब युद्ध के कारण और भी कमजोर हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाएं लगातार शांति की अपील कर रही हैं। लेकिन लगातार हो रहे हमले और जवाबी हमलों से युद्धविराम की कोई संभावना निकट भविष्य में नजर नहीं आ रही।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह युद्ध लंबा खिंचता है, तो न केवल ईरान और इजराइल बल्कि पूरा विश्व इसकी आर्थिक और राजनयिक कीमत चुकाएगा।