गंगा दशहरा उत्सव 2025 की तैयारियां पूरे देश में जोरों पर हैं। जानिए इसका महत्व, तिथि और विशेष आयोजन।

अगामी गंगा दशहरा उत्सव 2025 की तैयारियां शुरू

गंगा दशहरा उत्सव 2025 के लिए पूरे देश में तैयारी प्रारंभ हो चुकी है और श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह दिखाई दे रहा है।
यह पर्व इस बार 12 जून 2025 को पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जाएगा, खासकर गंगा किनारे के क्षेत्रों में।

इस दिन गंगा नदी का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था और इसे पापों से मुक्ति दिलाने वाला दिन माना जाता है।
लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान करके पुण्य अर्जित करते हैं और पूजा-पाठ तथा दान करते हैं।

इस वर्ष गंगा दशहरा पर हरिद्वार, वाराणसी और प्रयागराज में विशेष मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।
राज्य सरकारों ने घाटों की सफाई और सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम शुरू कर दिए हैं ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके।

गंगा दशहरा उत्सव 2025 के अवसर पर गंगा आरती, भजन-कीर्तन, यज्ञ और दीपदान का भव्य आयोजन प्रस्तावित है।
स्थानीय प्रशासन द्वारा घाटों पर स्वास्थ्य शिविर, जल सेवा और स्वच्छता अभियान भी चलाए जाएंगे।

इस पर्व का धार्मिक महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को आता है और दस पापों के नाश का प्रतीक है। लोग इस दिन 10 बार गंगा जल का आचमन करते हैं और 10 प्रकार के दान करते हैं जैसे अन्न, वस्त्र, तिल, गाय, स्वर्ण आदि।

गंगा दशहरा उत्सव 2025 न केवल आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह पर्यावरण और स्वच्छता संदेश का वाहक भी बन रहा है।


शासन-प्रशासन इस अवसर को ‘स्वच्छ गंगा अभियान’ से जोड़कर जन जागरूकता बढ़ाने के लिए भी प्रयत्नशील हैं।

हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान कर अपने पापों का प्रायश्चित करेंगे।
पूजा, दान और ध्यान के इस पर्व को सामाजिक समरसता और भक्ति से मनाया जाएगा।

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