छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए इस खरीदी सत्र से धान की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजने का निर्णय लिया है। फिलहाल यह सुविधा तीन जिलों कोंडागांव, कोरिया और गौरेला-पेंड्रा मरवाही में लागू की जाएगी।
अब तक किसानों को सहकारी समितियों और बैंकों के चक्कर लगाकर किस्तों में पैसा मिलता था, जिससे समय और ऊर्जा दोनों खर्च होते थे। नई व्यवस्था के तहत किसानों को धान का पूरा पैसा एकमुश्त उनके आधार लिंक खाते में ट्रांसफर होगा।
सरकार का मानना है कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) से किसानों को सीधा लाभ होगा। न देरी होगी, न बिचौलियों की कोई भूमिका रहेगी। किसान अपनी जरूरतों के अनुसार कभी भी पूरी राशि निकाल सकेंगे।
इस साल तीन जिलों में यह व्यवस्था लागू की गई है, जिसमें कोंडागांव के 22,755, कोरिया के 55,577 और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के 25,000 किसान लाभान्वित होंगे। आने वाले समय में इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी है।