छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही मुहिम को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है। कांकेर जिले में कुल 21 नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटते हुए आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें 13 महिला और 8 पुरुष माओवादी कैडर शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वालों में 4 डिवीजन वाइस कमेटी मेंबर (DVCM), 9 एरिया कमेटी मेंबर (ACM) और 8 पार्टी सदस्य शामिल हैं।
इन नक्सलियों ने 18 आधुनिक हथियारों के साथ समर्पण किया, जिसमें AK-47, इंसास राइफल और एसएलआर जैसी घातक राइफलें भी हैं। सरेंडर के दौरान नक्सलियों को संविधान की प्रति और गुलाब का फूल देकर सम्मानपूर्वक स्वागत किया गया।
सूत्रों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वालों में डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश भी शामिल है, जो लंबे समय से पुलिस के निशाने पर था। इससे पहले दंडकारण्य क्षेत्र में 208 नक्सलियों ने हथियार डाले थे, जिनमें 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल थे।
इस आत्मसमर्पण के बाद अब माना जा रहा है कि अबूझमाड़ का अधिकांश इलाका नक्सली प्रभाव से मुक्त हो चुका है। केवल दक्षिणी बस्तर क्षेत्र में अब नक्सल गतिविधियों के बचे होने की संभावना जताई जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान के दौरान कुल 153 हथियार जमा कराए गए हैं जिनमें 19 AK-47 राइफल, 17 SLR, 23 INSAS, 36 .303 राइफल, और 11 BGL लॉन्चर जैसी घातक बंदूकें शामिल हैं।
यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ में चल रहे लाल आतंक के अंत की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को पुनर्वास योजना का लाभ देने की घोषणा की है, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।