पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजापुर नक्सल ऑपरेशन को लेकर गंभीर सवाल उठाए और राज्य सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे लगता है कि बीजापुर नक्सल ऑपरेशन विवाद के पीछे शासन की जवाबदेही खत्म हो चुकी है।
पूर्व सीएम ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी नक्सलियों के खिलाफ हर कार्रवाई में समर्थन देती है, लेकिन जवाबदेही से सरकार नहीं बच सकती। उन्होंने कहा, ऑपरेशन के दौरान 22 शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाए गए, लेकिन गृहमंत्री को इसकी जानकारी नहीं थी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दावा किया कि ऑपरेशन संकल्प में 22 नक्सली मारे गए हैं, लेकिन गृहमंत्री ने इससे इनकार किया। मुख्यमंत्री ने कहा, अगर कोई ऑपरेशन ही नहीं था, तो फिर बीजापुर में 22 शव कैसे पहुंचे? इस बात पर सरकार को सफाई देनी चाहिए।
बीजापुर नक्सल ऑपरेशन विवाद में बघेल ने मांग की कि उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रेस विज्ञप्ति को भी विरोधाभासी करार दिया और उसमें दी गई जानकारी पर संदेह जताया।
उन्होंने पूछा, अगर 20 नक्सलियों की पहचान हो चुकी है, तो सिर्फ 11 शव ही क्यों सौंपे गए? बाकी शव कहां हैं?
उन्होंने सरकार से पूछा कि अगर कुल 31 नक्सली मारे गए तो बाकी 9 शव कहां हैं, क्या उन्हें कहीं और भेजा गया?
अगर इतनी बड़ी सफलता थी तो इसकी घोषणा करने में सरकार को इतना समय क्यों लगा, यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, जिनके शव सौंपे गए उनका विवरण और रिश्तेदारों की जानकारी भी सार्वजनिक की जानी चाहिए।
बीजापुर नक्सल ऑपरेशन विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि गृहमंत्री और पुलिस के बयानों में बड़ा विरोधाभास है।
उन्होंने सवाल किया कि अगर ऑपरेशन संकल्प था, तो गृहमंत्री को इसकी जानकारी क्यों नहीं थी, क्या उन्हें अंधेरे में रखा गया?
इस पूरे घटनाक्रम से छत्तीसगढ़ में सियासत गर्म हो गई है और सरकार की नक्सल नीति पर सवाल उठने लगे हैं।
विपक्ष का कहना है कि नक्सल ऑपरेशन में पारदर्शिता और स्पष्टता होनी चाहिए, ताकि जनता को सच्चाई पता चल सके।
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